Mobile Frauds के खिलाफ भारत सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है. सरकारी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि नई सरकार के सत्ता संभालने के 100 दिनों के अंदर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा चालू हो जाएगी.
ऑनलाइन और फोन धोखाधड़ी के खिलाफ, भारत सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. ये रणनीति व्यापक होगी और कई तरीकों से की जाएगी, जिसमें सरकारी और निजी टेलीकॉम कंपनियां दोनों शामिल होंगी. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की जा सकती है. सरकारी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि नई सरकार के सत्ता संभालने के 100 दिनों के अंदर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा चालू हो जाएगी.
बनेगी नई सुरक्षा एजेंसी
इसके अलावा, भारत में एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी (NCSA) बनाने का काम चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि यह एजेंसी डिजिटल धोखाधड़ी से लड़ने के लिए मुख्य केंद्र की तरह काम करेगी. खासकर छोटे कारोबारों और आम लोगों के लिए जो नई टेक्नॉलॉजी से वाकिफ नहीं हैं, उनके लिए साइबर खतरों से बचने के लिए जरूरी उपकरण बनाने पर जोर दिया जाएगा.
क्या बोले अधिकारी?
टेलीकॉम कंपनियों ने फोन करने वाली कंपनी की पहचान दिखाने वाली CNAP सर्विस को चलाने का तरीका तय कर लिया है. एक अधिकारी के मुताबिक, यह जिम्मेदारी उस नेटवर्क की होगी जहां से फोन आ रहा है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 23 फरवरी को फर्जी कॉलों से निपटने के लिए CNAP सेवा का प्रस्ताव दिया था. इस कदम से खुद को कानून लागू करने वाली एजेंसियों, बैंकों और सीमा शुल्क अधिकारियों के रूप में बताने वाले जालसाजों पर लगाम लगेगी.
CNAP की वजह से जालसाजों को परेशानी होगी जो खुद को पुलिस, बैंक या कस्टम वाले बताकर लोगों को ठगते हैं. CNAP कॉल करने वाले की सिम कार्ड से जुड़ी पहचान की जानकारी दिखाएगा. कॉल कहां से शुरू हुई है, वहां की टेलीकॉम कंपनी ये पहचान जांचेगी ताकि सही जानकारी रिसीवर तक पहुंचे. ये नई व्यवस्था फोन रिसीव करने वालों की निजता के अधिकारों को भी सुरक्षित रखेगी.
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