जब कोई कर्मचारी किसी संस्थान में 5 साल से ज्यादा समय तक जॉब करता है तो उसे ग्रेच्युटी मिलती है। कंपनी ग्रेच्युटी के तौर पर साभार व्यक्त करती है। आपको बता दें कि सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए ग्रच्युटी के नियम एक सामान है। आइए जानते हैं कि ग्रेच्युटी कैलकुलेशन कैसे की जा सकती है। पढ़ें पूरी खबर...
कंपनियां अपने ईमानदार कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity) का तोहफा देती है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ तब मिलता है जब वह एक निर्धारित समयावधि तक किसी एक संस्थान में कार्यरत होते हैं। अगर तय समय अवधि से पहले वह नौकरी छोड़ या बदल देते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता है।
ऐसे में कई बार सवाल आता है कि क्या सरकारी और प्राइवेट जॉब के लिए ग्रेच्युटी के नियम (Gratuity Rule) अलग हैं? आपको बता दें ऐसा नहीं हैं। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या फिर प्राइवेट जॉब कर रहे हैं तब भी आपके लिए ग्रेच्युटी के नियम एक ही है।
इस महीने इलाहाबाद कोर्ट ने ग्रेच्युटी को लेकर एक आदेश दिया कि अगर कर्मचारी 60 साल के बाद रिटायरमेंट का चयन करता है या फिर 62 साल में रिटायरमेंट लेता है उसे दोनों रूप में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
दरअसल, कई कंपनी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ नहीं देती थी क्योंकि कर्मचारी ने 62 साल में रिटायरमेंट का ऑप्शन सेलेक्ट किया है।
ग्रेच्युटी क्या है? (What is Gratuity?)
ग्रेच्यूटी कंपनी अपने कर्मचारी को देती है। जब कोई कर्मचारी 5 साल तक एक ही संस्थान में काम करता है तो उसे साभार जताने के रूप में ग्रेच्युटी मिलती है। ग्रेच्युटी का लाभ सभी सरकारी कर्मचारी के साथ प्राइवेट कर्मचारी को मिलता है।
देश के सभी कंपनी, फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, पोर्ट और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू है। वहीं, अगर किसी कंपनी या दुकान में 10 से ज्यादा लोग नौकरी करते हैं तब भी उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।
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कब मिलती है ग्रेच्युटी
किसी भी संस्थान में 5 साल तक काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी लेने के लिए योग्य हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह समय सीमा कम होती है। ग्रेच्युटी एक्ट के सेक्शन-2A के मुताबिक अगर कर्मचारी भूमिगत खदान में काम करता है तब वह लगातार 4 साल 190 दिन पूरे होने के बाद ग्रेच्युटी का लाभ ले सकता है।
वहीं बाकी संगठन में 4 साल 240 दिन (यानी 4 साल 8 महीने) के बाद ही ग्रेच्युटी मिलती है। ग्रेच्युटी का लाभ नौकरी छोड़ने या फिर रिटायरमेंट के बाद मिलता है। आप नौकरी करते वक्त इसका लाभ नहीं उठा सकते हैं। जब आप कंपनी से रिजाइन करते हैं तब आपको इसका लाभ मिलता है।
आपको बता दें कि ग्रेच्युटी में नोटिस पीरियड को भी काउंट किया जाता है। दरअसल, नोटिस पीरियड भी 'लगातार सर्विस' में आता है।
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कैसे कैलकुलेट होती है ग्रेच्युटी
आप बड़े आसानी से ग्रेच्युटी कैलकुलेट कर सकते हैं। बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते को जोड़कर x (15/26) x (जितने साल में काम किया) करके आप आसानी से ग्रेच्युटी कैलकुलेट कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर 35000 रुपये बनता है और आपने 7 साल कंपनी में जॉब की है तो आपको कुल ग्रेच्युटी 35000 x (15/26) x 7= 1,41,346 रुपये मिलेगा।
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