Instagram Reels और YouTube Shorts के एल्गोरिद्म में ऐसा क्या है, जो सबको लग जाती है लत

 इंस्टाग्राम की रील्स हो या यूट्यूब के शॉर्ट्स वीडियो एक बार स्क्रॉल करना शुरू करते हैं तो फिर कई मिनट इसी में बीत जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है कि हम एक के बाद एक वीडियो देखते रहते हैं। दरअसल इसके पीछे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की एल्गोरिद्म काम करती है। यहां हम आपको डिटेल में इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।

इंस्टाग्राम पर रील्स देखते हुए अक्सर हम एक के बाद एक वीडियो स्क्रॉल करते रहते हैं। क्या आपने यह सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसका सीधा सा उत्तर है इंस्टाग्राम की एल्गोरिद्म, जो आपको एक रील खत्म होने के बाद दूसरी भी वही रील दिखाता है, जिसमें आपकी रुचि होती है।

अब सवाल आता है कि इंस्टाग्राम को आपकी पसंद और नापसंद का अंदाजा कैसे लगता है। आज इस आर्टिकल में हम इसी सवाल का जवाब देंगे कि इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स का चस्का आखिर लगता कैसे है?

सोशल मीडिया: एल्गोरिद्म का है सारा खेल

किसी भी सोशल मीडिया के लिए एल्गोरिद्म वह फॉर्मूला है, जो यह तय करता है कि यूजर्स को उनकी फीड पर कौन-सा वीडियो, पोस्ट या दूसरा कंटेंट दिखाई देगा। कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म - इंस्टाग्राम या यूट्यूब के कोई भी दो यूजर्स को उनके पेज पर एक जैसे वीडियो नहीं दिखते हैं।

यह फीड हर किसी यूजर के लिए यूनीक और बेहद पर्सनलाइज्ड होती है। यूजर को उनके फीड में जिस तरह का कंटेंट दिखाई देता है यह सब एक लंबे समय में इवॉल्व (विकसित) होता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि एल्गोरिद्म यह तय करती है कि यूजर को क्या दिखाई देगा।

कैसे काम करती है एल्गोरिद्म

सोशल मीडिया कंपनियां यह नहीं बताती हैं कि उनकी एल्गोरिद्म कैसे काम करती हैं। कंपनियों का कहना है कि अगर वे इसे रिवील कर देती हैं तो स्पैमर्स इसका फायदा उठाकर अपनी वीडियो वायरल कर सकते हैं, जो कि मेहनत से वीडियो बनाने वाले क्रिएटर्स और यूजर्स के लिए अच्छा नहीं होगा।

हालांकि, कुछ प्लेटफॉर्म ने यूजर्स को इसकी जानकारी के लिए अपने एल्गोरिद्म को लेकर बेसिक डिटेल्स शेयर किए हैं, जिससे पता चलता है कि वे यह कैसे तय करते हैं कि यूजर को किस तरह का कंटेंट दिखाया जाएगा।

यूजर्स इंटरैक्शन

सोशल मीडिया पर यूजर के बिहेवियर पर यह काफी हद तक निर्भर करता है कि आपको किस तरह का कंटेंट दिखाई देगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपके हर एक्टिविटी पर बारीकी से नजर रखती है। मसलन आपने कौन-सा वीडियो बार-बार देखा, क्या लाइक किया, क्या डिसलाइक किया और क्या शेयर किया।

इसके साथ वह यह भी देखता है कि आप किस तरह के अकाउंट को फॉलो करते हैं। यहां हम आपके साथ यूजर्स की उन इंटरैक्शन की लिस्ट शेयर कर रहे हैं, जिनपर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नजर रखते हैं।

  • लाइक या शेयर किए वीडियो
  • फेवरेस्ट लिस्ट में एड किए वीडियो
  • नॉट इंटरेस्टेड में मार्क किए हुए वीडियो
  • रिपोर्ट किए हुए वीडियो
  • आपके सर्च पैटर्न
  • फॉलो किए हुए अकाउंट 
  • आपके पोस्ट
  • अंत तक देखे गए वीडियो

वीडियो इन्फॉर्मेशन

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और यूट्यूब आपके द्वारा सर्च किए वीडियो से भी इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करते हैं। कंपनियां इस वीडियो में लिखे कैप्शन, हैशटैग, साउंड और इफेक्ट और टॉपिक पर को नजर रखती है।

डिवाइस और अकाउंट सेटिंग

यूजर की एक्टिविटी के साथ-साथ उसके डिवाइस और अकाउंट सेटिंग पर भी यह तय होता है कि फीड में कौन-सा वीडियो या पोस्ट दिखाई देगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अकाउंट सेटिंग का इस्तेमाल अपनी एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए करते हैं। इसके साथ ही भाषा और लोकेशन, डिवाइस, अकाउंट बनाते हुए आपने किन कैटगरी को पसंद किया था। वे सभी जानकारी एल्गोरिद्म के लिए महत्वपूर्ण रहती हैं।


कैसे लगता है चस्का

यह तो तय हो गया है कि सोशल मीडिया आपकी हर एक्टिविटी पर नजर रखती है। यानी आपकी हर पसंद और ना पसंद पर उसकी नजर रहती है। यही कारण है कि हमें अपनी फीड पर एक के बाद एक वहीं वीडियो दिखती हैं, जो हमें पसंद होती हैं।

इसके साथ ही रील और शॉर्ट वीडियो की लंबाई बेहद कम होती है। एक वीडियो की एवरेज ड्यूरेशन 15 सेकेंड होती है। इसलिए हमें यह पता ही नहीं चलता है कि हम कितनी वीडियो देख चुके हैं। छोटी लंबाई के चलते समय का पता नहीं चलता है। यही कारण है कि हम सभी एक बार इंस्टाग्राम पर वीडियो स्क्रॉल करना शुरू करते हैं तो कई घंटों देखते रहते हैं।

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