भारत में नदियों का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यहां नदियों को पीने के पानी और सिंचाई के स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने के साथ-साथ मां के रूप में भी पूजा जाता है। भारतीयों में नदियों को लेकर विशेष आस्था है। ऐसे में आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे लंबी सहायक नदी कौन-सी है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
दुनिया के हर देश में नदियों का विशेष महत्त्व है, हालांकि जब बात भारत की होती है, तो यह महत्त्व और बढ़ जाता है। क्योंकि, भारत में नदियों को पीने के पानी और सिंचाई के प्रमुख स्रोत के रूप में उपयोग करने के अलावा मां के रूप में भी पूजा जाता है।
यहां लोगों में नदियों को लेकर विशेष आस्था है। इसकी बानगी आपको सुबह-शाम घाटों पर होने वाली आरती के रूप में देखने को मिल जाएगी। यही वजह है कि भारतीय नदियां आर्थिक रूप के साथ धार्मिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण हैं।
इस कड़ी में आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे लंबी सहायक नदी कौन-सी है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कुल नदियों का प्रवाह
भारत में नदियों को चार वर्गों में बांटा जाता है, जिसमें हिमालयी नदियां, प्रायद्वीपीय नदियां, तटवती नदियां और अंतः स्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां हैं। देश में कुल नदियों की बात करें, तो प्रमुख नदियों की संख्या करीब 200 है। इसके अतिरिक्त छोटी-बड़ी मिलाकर बड़ी संख्या में नदियों का प्रवाह होता है। इनमें से कुछ नदियां कई राज्यों में प्रवाहित होती है, तो कुछ का दायर सिर्फ कुछ राज्यों में ही सिमट जाता है।
भारत की सबसे बड़ी सहायक नदी
भारत की सबसे बड़ी सहायक नदी की बात करें, तो यह यमुना नदी है। यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है और इसके साथ ही यह भारत की सबसे बड़ी सहायक नदी भी बन जाती है।
यमुना नदी का परिचय
यमुना नदी का उद्गम उत्तराखंड में स्थित बंदरपूच्छ पर कालिंद पर्वत से है, जिस वजह से इसे कालिंदी भी कहा जाता है। यह यमुनोत्तरी पर्वत से धारा का रूप लेती है, जहां दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
यहां से निकलने के बाद यह दून की घाटियो में बहती हुई हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर बहती है और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलो से होते हुए प्रयागराज में एतिहासिक अकबर के किले के नीचे गंगा में जाकर मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई की बात करें, तो यह कुल 1436 किलोमीटर लंबी नदी है।
यमुना की सहायक नदियां
यमुना की सहायक नदियों की बात करें, तो प्रमुख नदियों में चंबल, छोटी सिंधु, बेतवा, केन और सेंगर आदि नदियों का नाम आता है।
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