भारतीय सड़कों पर सफर के दौरान जगह-जगह सड़कों के किनारों पर दूरी बताने वाले पत्थर देखने को मिल जाएंगे। इन पत्थरों के माध्यम से हम अपनी मंजिलों तक की दूरी पता कर लेते हैं। हालांकि, वर्तमान में अब इनकी जगह बोर्ड ने ले ली है, लेकिन पुराने समय में लोग इनसे ही दूरी जानते थे। आज भी देश के प्रमुख मार्गों पर इन पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। आपने जब भी किसी प्रमुख मार्ग पर सफर किया होगा, तो आपने इन पत्थरो को जरूर देखा होगा, जिनमें अक्सर दिखने वाले पीले और सफेद रंग क पत्थर होते हैं, जिन पर जगह का नाम और दूरी लिखी होती है। हालांकि, क्या आपको पता है कि ये पत्थर अलग-अलग रंग में मौजूद होते हैं। यदि हां, तो क्या आपको पता है कि इन पत्थरों के रंग का क्या मतलब होता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम सड़क किनारे लगे इन पत्थरों के रंग का मतलब जानेंगे।
क्या है पीले रंग का मतलब
सड़क किनारे दिखने वाले पीले रंग के पत्थर यह दर्शाते हैं कि संबंधित सड़क राष्ट्रीय महत्व की है, जो कि केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। इनका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(NHAI) द्वारा किया गया होता है, जो कि नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे होते हैं। इनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। जनवरी, 2023 तक भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 1,44,634 किलोमीटर थी। आपको बता दें कि इन आंकड़ों में समय-समय पर बदलाव होता रहता है, क्योंकि देश में प्रतिदिन सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
क्या होता है हरे रंग का मतलब
कुछ सड़कों पर आपको हरे रंग के दूरी बताने वाली पत्थर देखने को मिल जाएंगे। यह प्रमुख तौर पर राज्य के अंदर ही होते हैं, जो कि राज्य के प्रमुख शहरों की सड़कों को जोड़ने का काम करते हैं। यह दर्शाते हैं कि संबंधित सड़क राज्य सरकार द्वारा बनाई गई है और इनका रखरखाव भी राज्य के तहत ही आता है।

क्या होता है काले रंग का मतलब
कुछ सड़कों के किनारों पर काले रंग के माइलस्टोन देखने को मिल जाएंगे। ये यह दर्शाते हैं कि संबंधित सड़क का निर्माण राज्य के जिले द्वारा किया गया है। यह जिले की प्रमुख सड़कों पर होते हैं, जो कि दर्शाते हैं कि संबंधित रास्ता शहर की ओर जाता है।

क्या होता है लाल रंग का मतलब
इस तरह के पत्थर आपको किसी गांव-देहात की सड़कों के किनारे देखने को मिल जाएंगे। इन पत्थरों को नारंगी रंग किया जाता है, जो कि यह बताते हैं कि संबंधित सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया है।
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