दूरसंचार नियामक ट्राई ने बुधवार को नई सर्विस क्वालिटी नॉर्म्स पर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया है। इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को सर्विस आउटेज और बेंचमार्क पूरा न किए जाने की वजह से ग्राहकों को मुआउजा देना होगा।
ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि मानदंड गहन विचार-विमर्श और उचित विचार-विमर्श के बाद जारी किए गए हैं।
विचार के बाद जारी हुए हैं नए नियम
लाहोटी ने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) द्वारा आयोजित इंडिया सैटकॉम 2024 के दौरान कहा, "हमने इस प्रक्रिया पर बहुत लंबे समय तक विचार-विमर्श किया है, मानदंड गहन विचार-विमर्श और उचित विचार-विमर्श के बाद जारी किए गए हैं और ग्राहक को मिलने वाली सेवा की गुणवत्ता और सेवा प्रदाता को प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं।"
अपने फैसले पर दोबारा विचार नहीं करेगा ट्राई
दरअसल, ट्राई प्रमुख से सवाल किया गया था कि क्या नियामक सेवा गुणवत्ता पर अपने नए मानदंडों पर दोबारा विचार करेगा। इसके जवाब में उन्होंने यह बात कही। लाहोटी ने आगे कहा कि ट्राई को उम्मीद है कि सर्विस प्रोवाइडर अपनी सर्विस को बेहतर करेंगे और ग्राहकों को सही गुणवत्ता वाली सेवा मिल सके।
24 घंटे से ज्यादा समय तक सर्विस न रहे बाधित
बता दें, टेलीकॉम ऑपरेटरों को शुक्रवार को सेक्टर नियामक ट्राई द्वारा जारी किए गए नए सेवा गुणवत्ता नियमों के तहत काम करना होगा। नियमों के मुताबिक, जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। ट्राई ने नए नियमों के तहत प्रत्येक गुणवत्ता बेंचमार्क को पूरा करने में विफल रहने पर दंड राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है।
नियामक ने संशोधित नियमों - "एक्सेस (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024 की सेवा की गुणवत्ता के मानक" के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए 1 लाख रुपये, 2 लाख रुपये, 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है।
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