UPSC: 24 से 26 साल के युवा सबसे ज्यादा बनते हैं आईएएस, यूपीएससी ने जारी की भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा एवं इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम (ईएसई) से जुड़ी रिपोर्ट साझा की गई है। इसके मुताबिक देश में 24 से 26 साल के युवा सबसे ज्यादा सिविल सर्विसेज एग्जाम को क्रैक करते हैं। इसके अलावा पहली बार एग्जाम देने वाले अभ्यर्थियों का सक्सेज रेट 8 फीसदी से भी कम दर्ज किया गया है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से वर्ष 2022-23 की सालाना रिपोर्ट जारी कर दी गई है। इसके रिपोर्ट के डाटा के मुताबिक पहली बार में आईएएस परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों में से 8% से भी कम उम्मीदवार भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (सिविल सर्विस) के लिए चयनित हो पाते हैं।

इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जो उम्मीदवार तीसरी बार इस परीक्षा में शामिल होते हैं उन उम्मीदवारों की सफलता दर सबसे ज्यादा है। यह अभ्यर्थी सिविल सेवा के दोनों चरणों की परीक्षा में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

24 से 26 साल के युवा सबसे ज्यादा बनते हैं IAS

यूपीएससी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 24 से 26 वर्ष के युवाओं का चयन सबसे ज्यादा होता है। इस आयु वर्ग के पुरुषों की सफलता दर 29.4% व महिला उम्मीदवारों की 33.3% है। इसके अलावा 30 साल से अधिक आयु वर्ग में पुरुषों की सफलता दर 14.6% और महिलाओं की दर 12.5% है। वर्ष 2021 में सामान्य श्रेणी से आने वाले 668 उम्मीदवारों ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा दी थी जिसमें से 290 अभ्यर्थी पास हुए। सामान्य वर्ग में परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों में पुरुष 40.29% और महिला उम्मीदवार 53.43% सफल रहीं।

इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम में आवेदन के बाद 65.7 फीसदी छात्र छोड़ देते हैं एग्जाम

इंजीनियरिंग सर्विसेज में ड्रॉप रेट 65.7 फीसदी दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम (ईएसई) में आवेदन के बाद 65.7 फीसदी छात्र एग्जाम में भाग नहीं लेते हैं। 2022 में ईएसई में 1,41,058 आवेदन आए थे जिसमें से परीक्षा में केवल 48,453 कैंडिडेट्स ने ही भाग लिया।

24 से 26 साल के युवा सबसे ज्यादा बनते हैं IAS

यूपीएससी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 24 से 26 वर्ष के युवाओं का चयन सबसे ज्यादा होता है। इस आयु वर्ग के पुरुषों की सफलता दर 29.4% व महिला उम्मीदवारों की 33.3% है। इसके अलावा 30 साल से अधिक आयु वर्ग में पुरुषों की सफलता दर 14.6% और महिलाओं की दर 12.5% है। वर्ष 2021 में सामान्य श्रेणी से आने वाले 668 उम्मीदवारों ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा दी थी जिसमें से 290 अभ्यर्थी पास हुए। सामान्य वर्ग में परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों में पुरुष 40.29% और महिला उम्मीदवार 53.43% सफल रहीं।

इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम में आवेदन के बाद 65.7 फीसदी छात्र छोड़ देते हैं एग्जाम

इंजीनियरिंग सर्विसेज में ड्रॉप रेट 65.7 फीसदी दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम (ईएसई) में आवेदन के बाद 65.7 फीसदी छात्र एग्जाम में भाग नहीं लेते हैं। 2022 में ईएसई में 1,41,058 आवेदन आए थे जिसमें से परीक्षा में केवल 48,453 कैंडिडेट्स ने ही भाग लिया।

ह्यूमैनिटीज वैकल्पिक विषय के रूप में पहली पसंद

सिविल सर्विस एग्जाम में इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छत्रं के लिए ह्यूमैनिटीज वैकल्पिक विषय पहली पसंद है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में चुने गए 60% से ज्यादा उम्मीदवार इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के थे, जबकि चुने गए 81% उम्मीदवारों का वैकल्पिक विषय ह्यूमैनिटीज था। इसके अलावा पॉलिटिकल साइंस पसंदीदा विषय के रूप में चुना गया है। पॉलिटिकल साइंस के अलावा एंथ्रोपोलॉजी दूसरे और सोशियोलॉजी तीसरे पायदान पर है। ऐसे विषय में जिनमें कम से कम 100 उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए गए, उनमें सक्सेस रेट के आधार पर नंबर-1 विषय कॉमर्स एंड अकाउंटेंसी है। इकोनॉमिक्स व मेडिकल साइंस दूसरे व तीसरे पायदान पर हैं। 1819 उम्मीदवारों का इंटरव्यू हुआ, 748 चुने गए, इनमें 78.2% (585) ग्रेजुएट और 21.8% (163) पोस्ट ग्रेजुएट थे।

पिछले पांच वर्षों में सफल अभ्यर्थियों का पर्सेंटेज

  • 2017: 8.08 प्रतिशत
  • 2018: 7.92 प्रतिशत
  • 2019: 8.03 प्रतिशत
  • 2020: 8.05 प्रतिशत
  • 2021: 8.37 प्रतिशत

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