ये हैं वो IPS Officers जो कृष्ण भक्ति में ऐसे हुए लीन, नौकरी छोड़ धारण कर लिया पीतांबर

IPS Officers Story: कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें सब कुछ पाकर भी आत्म संतुष्टि हासिल नहीं होती. आज हम बात करेंगे सिविल सेवा पास करने के बाद आईपीएस बनने वाले उन ऑफिसर्स की जिन्‍होंने बाद में आध्‍यात्‍म की राह पकड़ ली. 

 

 ये हैं वो IPS Officers जो कृष्ण भक्ति में ऐसे हुए लीन, नौकरी छोड़ धारण कर लिया पीतांबर

 

IPS Officers Story: कहते हैं कि कृष्ण भक्ति का रंग जिस किसी पर भी चढ़ता है, फिर वो पूरी तरह से राधा-कृष्ण का ही हो जाता है. इसके कई उदाहरण देखने को मिलते हैं. आम लोगों को तो कृष्ण प्रेम में डूबते आपने भी देखा ही होगा, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं आईपीएस बनकर भी संतुष्ट नहीं हुए.

पुलिस की नौकरी में उनका मन नहीं लगा और उन्हें कृष्ण की धुन ऐसी लगी कि अपनी वर्दी को छोड़ वे पीताबंर धारी हो गए. किसी ने राधा का रूप धारण किया तो कोई कथावाचक बन गया. वहीं, कुछ ने तो कृष्ण प्रेम में अपना नाम तक बदल लिया.आज हम आपको ऐसे ही कुछ पुलिस अधिकारी के बारे में बता रहे हैं.  


भारती अरोड़ा - भारती अरोड़ा हरियाणा कैडर की आईपीएस थीं. भारती को एक दबंग पुलिस अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने अपने रिटायरमेंट से 10 साल पहले 2021 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. वीआरएस के लिए भेजे गए पत्र में इशकी वजह बताते हुए लिखा था कि वह चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास और मीराबाई की तरह कृष्ण भक्ति करना चाहती हैं.

डीके पांडा - वर्दी उतारकर कृष्ण की शरण में जाने वाले पुलिस ऑफिसर में डीके पांडा का नाम भी शामिल है, जो 1971 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी थे. अपनी सर्विस के दौरान वह कृष्ण भक्ति में लीन रहने लगे था, कृष्ण प्रेम में वह ऐसे डूबे कि ड्यूटी के दौरान ही महिलाओं की तरह रहने लगे थे. इसक बाद उन्होंने साल 2005 में वीआरएस ले लिया. अब वह अपना राधा का अवतार छोड़कर बाबा कृष्णानंद नाम धारण कर चुके हैं. 


गुप्तेश्वर पांडेय - बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. उन्होंने सितंबर 2020 में वीआरएस लिया और भक्ति की राह पर चल पड़े. वीआरएस लेने के एक साल पहले ही उन्हें साल 2019 में बिहार पुलिस का डीजीपी नियुक्त किया गया था. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अब एक कथावाचक हैं.

कुणाल किशोर - इसके बाद नाम आता है कुणाल किशोर का, जिनकी छवि भी एक दबंग आईपीएस की रह चुकी है. इतनी अच्छी और पावरफुल नौकरी में उनका मन नहीं लगा क्योंकि वह कृष्ण भक्ति में मन लगा चुके थे और वह पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर से जुड़ गए. कुणाल किशोर संस्कृत के विद्वान हैं और केएसडी संस्कृत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रह चुके हैं.

 


Social Link

Join Telegram     

Click Here 

Join Youtube      

Click Here 

Join Facebook       

Click Here

Join Instagram       

Click Here

Join YojanaWaleBaba       

Click Here

Join GyanWaleBaba       

Click Here

Post a Comment

0 Comments

Youtube Channel Image
JobWaleBaba Subscribe To watch more Sarkari Job
Subscribe