Deepest Trenc Of Earth: आज जानेंगे धरती पर मौजूद सबसे गहरी खाई के बारे में, जिसकी गहराई इतनी है कि पूरा एवरेस्ट इसके अंदर समा सकता है. मैरियाना ट्रेंच की सबसे गहरी जगह दक्षिणी छोर पर स्थित चैलेंजर डीप घाटी में है.
Deepest Trenc Of Earth: इस धरती पर कई अजूबे हैं, जिन्हें देख कर ही हैरानी होती है. इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ होगा... आज हम आपको पृश्वी पर मौजूद एक ऐसी ही एक जगह के बारे में आपको बता रहे हैं. इस जगह को धरती की सबसे गहरा स्थान कहा जाता है, क्योंकि इस खाई की गहराई इतनी है कि अब तक कोई भी इसकी सतह तक नहीं पहुंचा पाया है, जिसके कारण ही इसे 'पाताल लोक का दरवाजा' कहा जाता है.
यह खाई समंदर के बिल्कुल बीचों बीच है. हालांकि, समंदर की गहराई को लेकर कई तथ्य हैं, क्योंकि हर महासागर की गहराई अलग-अलग होती है. ऐसे ही प्रशांत महासागर में एक जगह है, जहां की गहराई सबसे ज्यादा बताई जाती है. आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ दिलचस्प बातें...
खाई की गहराई
हम जिस खाई की बात कर रहे हैं उसे मैरियाना या मारियाना ट्रेंच के नाम से जाना जाता है. मारियाना गर्त अर्धचंद्र आकार का है जो लगभग 2,550 किमी (1,580 मील) लम्बा और 69 किमी (43 मील) चौड़ा है. रिपोर्ट्स के मुकाबिक इस जगह की गहराई इतनी है कि पूरा माउंट एवरेस्ट भी इसके अंदर समा सकता है, क्योंकि इसकी चोटी से पानी के ऊपरी स्तर तक भी 1.6 किलोमीटर का गैप रहेगा यानी यह माउंट एवरेस्ट की हाइट से भी 1.6 किलोमीटर ज्यादा ऊंचा है.
स्पष्ट तौर पर कुछ कहना मुश्किल
इसकी गहराई को नापने के लिए कई बार कोशिशें की कई हैं, लेकिन स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल कि यह खाई कितनी गहरी है. वहीं, चीन का दावा है कि वो ऐसी दो पनडुब्बियां बना रहा है, जो इस खाई की सतह तक पहुंच सकेंगी. हालांकि, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ने इस पर एक रिसर्च की थी. इस रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक मैरियाना ट्रेंच 2,550 किलोमीटर लंबा है और मैरियाना द्वीप समूह के पूर्व हिस्से में स्थित है.
चैलेंजर डीप
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक मैरियाना ट्रेंच की सबसे गहरी जगह इसके साउथ पोल पर स्थित चैलेंजर डीप नामक एक घाटी में है, जो समुद्रतल से करीब 11,022 मीटर (36,070 फ़ुट) नीचे है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां की गहराई करीब 11 हजार किलोमीटर बताई जाती है.
ऐसे पता लगाते हैं खाई की गहराई
समुद्र में किसी खाई की गहराई का पता लगाने के लिए साइंटिस्ट अक्सर सोनार बीम का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA कॉर्प्स) के अनुसार समुद्र की गहराई पता करने के दो तरीके होते हैं. पहला एक जहाज जो सोनार की मदद से गहराई का पता लगाता है और दूसरा समुद्र तल पर तैनात एक प्रेशर सेंसर के जरिए गहराई नापी जाती है. इससे पता करते हैं कि उस जगह के ऊपर कितना पानी है. वहीं, जब मैरियाना ट्रेंच में सोनार बीम छोड़ा गया तो उनकी तरंगों को तल से टकरा कर वापस आने में 14 सेकंड लगे थे, तो आप अंदाजा लगा लीजिए कि इसकी गहराई कितनी है.
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