France Violence And Yogi: उत्तर प्रदेश भाजपा का कहना है कि फ्रांस में हिंसा को खत्म करने के लिए यूपी सीएम के तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ट्वीट में दावा किया गया है कि फ्रांस में अराजकता की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए योगी को वहां भेजा जाना चाहिए.
France Violence Yogi Model: फ्रांस के आसपास के शहरों में शुक्रवार की रात में भी दंगे होते रहें. फ्रांस में दंगे पर काबू पाने के लिए एक ट्विटर यूजर ने सीएम योगी का जिक्र करते हुए ट्वीट किया. अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट का जवाब दिया है. वायरल ट्वीट में कहा गया कि फ्रांस की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ को वहां भेजा जाए.
योगी ऑफिस ने पोस्ट किया रिट्वीट
रिट्वीट का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल योगी ऑफिस ने पोस्ट किया कि जब भी चरमपंथ दंगों को बढ़ावा देता है, अराजकता फैलती है और दुनिया के किसी भी हिस्से में कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है, तो दुनिया उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून-व्यवस्था का 'योगी मॉडल' तलाशती है. इसके साथ ही दुनिया सांत्वना ढूंढती है और परिवर्तन के लिए तरसती है.
योगी मॉडल की सराहना
इसके तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एक वीडियो डाला, जिसमें कहा गया कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश के हर जिले में कर्फ्यू होता था, हर जगह दंगे होते थे, लेकिन जब से योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए हैं और सरकार ने दंगाइयों पर नकेल कसी है, उनके घरों पर बुलडोजर चलवाया है, तब से यूपी में दंगे पूरी तरह से बंद हो गए हैं. इसकी गूंज न सिर्फ भारत भर में सुनाई दे रही है, बल्कि दुनिया भर में पहुंच रही है और इसीलिए फ्रांस जैसे देश में भी दंगों पर काबू पाने के लिए योगी मॉडल की सराहना की जा रही है और ऐसी ही अपेक्षा भी की जा रही है. यह उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक वैश्विक मुहर है.
डिप्टी सीएम को नालंदा की आई याद
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी फ्रांस दंगों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दंगाइयों द्वारा 850 साल पुरानी लाइब्रेरी को जलाने की घटना ने भारत की सबसे पुरानी लाइब्रेरी, नालंदा की याद दिला दी, जिसे 1199 ईस्वी में तुर्क शासक बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था. गौरतलब है कि जिस ट्विटर हैंडल ने सबसे पहले फ्रांस में आदित्यनाथ के हस्तक्षेप की मांग की थी, उसकी पहचान गलत तरीके से एक यूरोपीय डॉक्टर होने का दावा करने वाले के रूप में की गई थी.
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