Dwarka Expressway: 9000 करोड़ लागत, 4 किमी लंबी सुरंग, शहरी ट्रैफिक का नक्शा बदल देगा गडकरी का ये एक्सप्रेसवे

Elevated Road: यह एक करीब 25 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड होगा. खास बात यह है कि इसमें चारा किलोमीटर लंबी सुरंग भी होगी. इस एक्सप्रेसवे में बुर्ज खलीफा-एफिल टॉवर से भी तीन गुना सीमेंट-लोहा लगा हुआ है.

Dwarka Expressways: दिल्ली-हरियाणा के बीच बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने का इंतजार जल्दी ही खत्म होने वाला है. इस एक्सप्रेसवे का लगभग 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में पड़ता है, जो कि लगभग बन कर तैयार हो चुका है. वहीं, दिल्ली के 10 किलोमीटर हिस्से का भी काम लगभग अंतिम दौर में है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इसे जल्द ही पूरा करेगी. 34 मीटर चौड़ा द्वारका एक्सप्रेसवे 9,000 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है.

पहला अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेस

जानकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे को हरियाणा में 18.9 किमी और राष्ट्रीय राजधानी में 10.1 किमी को कवर करते हुए पिलर्स पर बनाया जा रहा है. इसके चालू होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH48) पर दबाव कम हो जाएगा. साउथ दिल्ली को हरियाणा के गुरुग्राम से जोड़ने वाला देश का यह पहला अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेस होगा. इस एक्सप्रेस के बनने के बाद दिल्ली के लोगों को कई रूट्स पर पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. बीते दिनों एक्सप्रेसवे के स्लैब के गिरने और बारिश के कारण भी इसका निर्माण कार्य बाधित हुआ था.

3.6 किलोमीटर की एक सुरंग भी
हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि यह निर्माण कार्य निर्धारित की गई समय सीमा के अंदर होना मुश्किल लग रहा है. बता दें कि द्वारका एक्सप्रेस वे के पहले भाग में द्वारका को साउथ दिल्ली से जोड़ने वाली 3.6 किलोमीटर की एक सुरंग भी बन रही है. इस सुरंग की मदद से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहुंचना आसान हो जाएगा. यह सुरंग एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 को द्वारका एक्सप्रेस वे से जोड़ेगी.

20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट
आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल हो रहा है. बताया जाता है कि यह बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना ज्यादा है. देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर 12,000 पेड़ों को लगाया गया है. कुछ समय पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का दौरा किया और बताया था कि यह भारत का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल हाईवे है, जिसकी लंबाई 29.6 किलोमीटर है.

9000 करोड़ रुपए की लागत
उन्होंने बताया था कि इसे बनाने का काम अप्रैल 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस ऐतिहासिक परियोजना का निर्माण 9000 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. द्वारका एक्सप्रेसवे अपनी बेहतर कनेक्टिविटी के कारण दिल्ली में रियल एस्टेट विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र बिंदु बन गया है. यह दूरदर्शी पहल क्षेत्र के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आगे की वृद्धि और प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है.

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