Everest Mountain Climbing: पहाड़ों पर चढ़ाई की बात हो और माउंट एवरेस्ट का नाम न आए. एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का सपना देखने वालों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इसके लिए बहुत बड़ी रकम की जरूरत पड़ती है.
Everest Mountain Climbing: माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत का हिस्सा है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है. माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर जाने का सपना बहुत से लोग देखते हैं, जिसके लिए बहुत धीरज, हिम्मत और जोश होना जरूरी है. वहीं, आपकी फिजिकल फिटनेस होने के अलावा आपका आर्थिक तौर से वहां जाने के लिए सक्षम होना भी जरूरी है, क्योंकि माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई बहुत महंगा पड़ती है. अगर आप भी करना चाहते हैं माउंट एवरेस्ट को फतह तो जानिए इससे जुड़ी तमाम जरूरी बातें...
इतने में खरीद सकते हैं फ्लैट
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना इतना महंगा है कि इतने में एक आम इंसान आसानी फ्लैट खरीद सकता है. इस पर्वत की चढ़ाई के लिए परमिट और फीस, गियर, टूल्स जैसे हेलमेट, क्रैम्पन, कुल्हाड़ी, स्लीपिंग बैग, स्लीपिंग पैड, टैंट की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा शेरपा गाइड, नेपाल में परिवहन, भोजन और ठहरने की लागत, इंश्योरेंस, पर्सनल आइटम, शेरपा का खर्च आदि बहुत कुछ देना पड़ता है. वहीं, एवरेस्ट की चोटी पर जाने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग पर बहुत खर्च आता है. इन सभी खर्चों को मिलाकर लगभग 25-50 लाख रुपये के बीच खर्च हो सकता है.
चढ़ाई के लिए ये दो रास्ते
माउंट एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत सीमा के बीच है, जहां पहुंचने के कई रास्ते हैं. पर्वतारोही दो रास्तों का चुनते हैं. पहला नेपाल में साउथ रूट और दूसरा तिब्बत में नॉर्थ रूट. इसमें भी सबसे ज्यादा नेपाल वाला रास्ता चुना जाता है, क्योंकि तिब्बत से चढ़ाई का और ज्यादा खर्च आता है. वहीं, ज्यादातर ट्रेकिंग कराने वाली कंपनीज नेपाल में हैं.
इस समय होती है चढ़ाई
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सही होता है, क्योंकि इस समय में मौसम गर्म होता है. बारिश में यहां के रास्ते खतरनाक और फिसलनभरे हो जाते हैं. इस चढ़ाई में करीब दो महीने का समय लग जाता है.
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