Bihar Niyojit Shikshak: नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग कब होगी? शिक्षा विभाग ने दिया फाइनल जवाब; अभ्यर्थी रहें तैयार

Bihar News बिहार में नियोजित शिक्षक की काउंसलिंग को लेकर शिक्षा विभाग ने जवाब दिया है। शिक्षा विभाग ने कहा कि चुनाव के बीच किसी भी हालत में नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं कर सकते क्योंकि आचार संहिता का उल्लंघन हो जाएगा। बिहार शिक्षा विभाग ने कहा कि 4 जून के बाद ही काउंसलिंग की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्य में सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 1 लाख 87 हजार 615 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग अब लोकसभा चुनाव के बाद होगी। चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण आयोग ने संबंधित नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग की अनुमति शिक्षा विभाग को नहीं दी है। इसकी वजह से राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को और चार माह इंतजार करना पड़ेगा।

जून के बाद काउंसलिंग की उम्मीद
शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए राज्य निर्वाचन कार्यालय को प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी गई थी, लेकिन काउंसलिंग कराने की अनुमति नहीं मिली। इस प्रकार अब आदर्श चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद संबंधित शिक्षकों की काउंसलिंग की उम्मीद है।

यह जून के बाद ही संभव है, क्योंकि एक जून को अंतिम चरण का चुनाव है और चार जून को मतगणना है। काउंसलिंग में नियोजित शिक्षकों के उन प्रमाण-पत्रों एवं कागजातों का सत्यापन होना है, जो उनके द्वारा सक्षमता परीक्षा के आनलाइन फार्म भरते वक्त दिए गए थे। काउंसलिंग की अनुमति नहीं मिलने के पहले तक इसे राज्य मुख्यालय में आयोजित करने की तैयारी की गई थी।

योगदान की तिथि से बनेंगे विशिष्ट अध्यापक

सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के 1 लाख 39 हजार 10 नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं। कक्षा छह से आठ तक के 22 हजार 941 शिक्षक, कक्षा नौवीं से दसवीं के 20 हजार, 354 शिक्षक और कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के 5 हजार 313 शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं।

काउंसलिंग के बाद ये सभी शिक्षक विशिष्ट अध्यापक बनेंगे। इन शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा का फार्म भरने के दौरान तीन जिलों के विकल्प लिये गए थे। इन शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में प्राप्तांक और आरक्षण के आधार पर जिला आवंटित किए गए हैं। काउंसलिंग के बाद शिक्षकों को चयनित जिले में पदस्थापन के लिए विद्यालय आवंटित किया जाना है।

आवंटित स्कूल में योगदान की तिथि से संबंधित शिक्षकों का पदनाम बदल कर विशिष्ट अध्यापक का हो जाएगा। इसके साथ ही योगदान की तिथि से ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा भी मिल जाएगा। विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया वही होगी, जो बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के आधार पर शिक्षक के पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के लिए अपनायी गई थी।

विद्यालय आवंटन साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर हुआ था। इसके मद्देनजर सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों का विद्यालय आवंटन भी साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर ही किया जाएगा।


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