आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआइ) के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाया है। हम आशा करते हैं कि भारत की विकास यात्रा से अन्य देश भी प्रेरित हों एवं सीखें तऔर अपनी डिजिटल प्राथमिकताएं तय करें। भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 सम्मेलन में डीपीआई की ताकत को पहचाना गया और इसके बाद भारत ने इसे वैश्विक बनाने की पहल की।
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआइ) के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाया है। हम आशा करते हैं कि भारत की विकास यात्रा से अन्य देश भी प्रेरित हों एवं सीखें तऔर अपनी डिजिटल प्राथमिकताएं तय करें।
वह संयुक्त राष्ट्र में नागरिक हित: डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, नागरिकों के लिए परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी विषय पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी के समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए डीपीआई की शक्ति का उपयोग करने में भारत की यात्रा को साझा किया।
डिजिटल क्रांति का लाभ
उन्होंने कहा कि भारत ने नीति बनाई कि डिजिटल क्रांति का लाभ देश के विविध समाज के प्रत्येक कोने तक पहुंचे। डीपीआई का निर्माण सच्ची टीम भावना से ही संभव हो सका। उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 सम्मेलन में डीपीआई की ताकत को पहचाना गया और इसके बाद भारत ने इसे वैश्विक बनाने की पहल की।
इस दुनिया को समावेशी और समृद्ध बनाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा आयोजित किया गया था।
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