Chanakya Niti : 'दुख बांटने से हल्का और सुख बांटने से गहरा होता है', ये पंक्ति तो आपने सुनी होगी। हालांकि, आचार्य चाणक्य के अनुसार सभी के साथ दुख बांटने से आपकी समस्याएं और भी बढ़ सकती है। दरअसल, सभी के जीवन में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो बहुत खास और करीब होते हैं। उनसे परेशानियां साझा करने से कई अच्छे सुझाव और मार्गदर्शन भी मिलते हैं, तो वहीं इनमें से कुछ लोग आपके दुखों का कारण भी बन सकते हैं।
आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की हैं, जिसमें उन्होंने उन लोगों का जिक्र किया है, जिन्हें अपनी समस्याएं कभी नहीं बतानी चाहिए। नीति शास्त्र में लिखी कई बातें यदि आप अपने जीवन में उतार लेते हैं, तो जीवन जीने के प्रति सकारात्मक मानसिकता बन सकती है।आइए जानते हैं कि किन लोगों को अपनी परेशानी नहीं बतानी चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति को भूलकर भी समस्या नहीं बतानी चाहिए, जो हर बात को मजाक में ले। ऐसे लोग आपकी भावनाओं का मजाक बना सकते हैं। इसके अलावा दूसरों के सामने आपके रहस्य को भी उजागर कर सकते हैं। इससे आपका तनाव और बढ़ सकता है।
जीवन में स्वार्थी लोगों से कभी दोस्ती नहीं रखनी चाहिए। ऐसे लोगों को आपकी समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह महसूस होने के बाद आप और परेशान हो सकते है। इसलिए अपने परिवार के लोगों से ही दुखों को साझा करें और मतलबियों से दूरी बनाकर रखें।
सभी के जीवन में कुछ ऐसे लोग जरूर होते हैं, जो आपसे ईर्ष्या करते हैं। इसलिए इन लोगों को अपना दुख ना बताएं। यह आपके साथ कुछ बुरा होने की कामना करते हैं और आपके दुख में अपनी खुशी ढूंढ़ने लगते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों को कभी भी अपनी समस्या ना बताएं, जो नशा करते हैं। दरअसल, ये लोग आपको भी नशा करने की सलाह दे सकते हैं। इसलिए भूलकर भी तनाव में ऐसे लोगों के पास ना जाएं।
दोस्तों की संख्या बढ़ाने की बजाए व्यक्ति को एस सच्चे और समझदार दोस्त को अपनी सारी बातें बतानी चाहिए। इससे ना आपका मन हल्का होगा बल्कि आपको अच्छा मार्गदर्शन भी मिलेगा।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है
0 Comments