साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी करने के इरादे से कॉल या मैसेज कर रहा है तो तुरंत संचार साथी पोर्टल पर उसकी शिकायत करें। टेलीकॉम विभाग इस प्रकार की शिकायत को गंभीरता से ले रहा है। टेलीकॉम विभाग ने बताया कि 30 अप्रैल तक संचार साथी पोर्टल पर साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त 1.58 लाख मोबाइल हैंडसेट और 30.14 लाख ऐसे मोबाइल कनेक्शन ब्लॉक किए गए हैं।
अगर आपके साथ कोई साइबर अपराध करने की कोशिश कर रहा है या वित्तीय धोखाधड़ी करने के इरादे से कॉल या मैसेज कर रहा है तो तुरंत संचार साथी पोर्टल पर उस नंबर की जानकारी दें। टेलीकॉम विभाग इस प्रकार की हर शिकायत को गंभीरता से ले रहा है और तत्काल प्रभाव से उस नंबर को ब्लॉक किया जा रहा है।
30 लाख सिम हुए बंद
मंगलवार को किसी उपभोक्ता ने टेलीकॉम विभाग से एक्स पर उनके साथ एसएमएस के जरिए वित्तीय धोखाधड़ी की कोशिश की शिकायत की। जिस नंबर से एसएमएस भेजे गए थे, विभाग ने उस नंबर के साथ उससे जुड़े अन्य 20 नंबर और हैंडसेट को भी ब्लॉक कर दिया।
विभाग के मुताबिक, इस साल 30 अप्रैल तक संचार साथी पोर्टल पर साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त 1.58 लाख मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है। वहीं, 30.14 लाख ऐसे मोबाइल कनेक्शन काटे गए हैं जो किसी और के नाम पर चल रहे थे।
8 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक
संचार साथी पोर्टल पर जाकर उपभोक्ता यह जान सकता है कि उसके नाम पर कितने सिम इस्तेमाल में हैं। अगर उसकी जानकारी के बगैर सिम का इस्तेमाल हो रहा है तो पोर्टल पर उपभोक्ता की शिकायत पर उस सिम को ब्लॉक कर दिया जाता है।
विभाग के मुताबिक साइबर अपराध व वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए 52 संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है जो लोगों को आपत्तिजनक व उन्हें फंसाने वाले मैसेज भेजती थी। एसएमएस के माध्यम से मैसेज भेजने के लिए बनाए गए 700 टेम्पलेट भी निष्क्रिय किया गया है।
विभाग के मुताबिक इस साल 30 अप्रैल तक चोरी हो गए या खो गए 8.71 लाख मोबाइल फोन को ब्लॉक किया गया है। संचार साथी की मदद से चोरी हो गए मोबाइल फोन को खोजना आसान होता जा रहा है और 1,25,991 मोबाइल फोन उपभोक्ता को लौटाए जा चुके हैं।
साइबर सुरक्षा के लिए गूगल करेगा एआई का इस्तेमाल
दूसरी तरफ गूगल ने अपने ब्लॉग में कहा है कि साइबर व मालवेयर हमले से बचने के लिए गूगल अपने जेमिनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) माडल और मैनडिएंट साइबर सिक्युरिटी यूनिट का इस्तेमाल करेगी। गूगल का दावा है कि जेमिनी 1.5 प्रो मॉडल वायरस के कोड को पहचानने में सिर्फ 34 सेकेंड का समय लेता है।
गूगल जेमिनी 1.5 प्रो की रिपोर्ट को अधिक से अधिक भाषाओं में रिलीज करने की कोशिश करेगी ताकि इसे पढ़ने में आसानी हो। जेमिनी की रिपोर्ट के विश्लेषण से साइबर हमले को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
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