भारत के अलग-अलग राज्यों में आपको विभिन्न प्रकार की झीलें मिल जाएंगी, जो कि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ कई नदियों की प्रमुख स्त्रोत भी हैं, जिससे लोगों के घरों तक पानी की आपूर्ति हो रही है। ये झीलें आपको पहाड़ों की ऊंची चोटियों से लेकर मैदानों में मिल जाएंगी। हालांकि, क्या आपको भारत की सबसे गहरी झील के बारे में पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत की सबसे गहरी झील के बारे में बताएंगे।
भारत में हर राज्य में अलग-अलग झीले हैं। ये झीले कुछ प्रमुख नदियों के स्त्रोत के साथ पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत बनाए हुए है। इसकी वजह है कि झील के आसपास अपनी एक जैव विविधता होती है, जिससे विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं को रहने के लिए जगह और खाने के लिए भोजन मिल जाता है। भारत में मीठे और खारे पानी की झीले मौजूद हैं। वहीं, पहाड़ों की ऊंची चोटियों से लेकर मैदानी इलाकों में भी झीलें हैं, जो कि कुछ प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल बनकर पानी की आपूर्ति को पूरा कर रही हैं। हालांकि, क्या आपको भारत की सबसे गहरी झील के बारे में पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम भारत की सबसे गहरी झील के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही क्या है झील से जुड़ी कुछ खास बातें, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
यह है भारत की सबसे गहरी झील
भारत की सबसे गहरी झील जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है, जिसे मानसबल झील के नाम से जाना जाता है। इस झील का नाम मानसरोवर झील से लिया गया है।
कितनी है झील का गहराई
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस झील को भारत की सबसे गहरी झील भी कहा जाता है। इस झील की गहराई 13 मीटर या 43 फीट तक है।
झील के किनारे बसे हैं तीन गांव
यह झील जम्मू-कश्मीर के तीन गांव के ईर्द-गिर्द है। इसके तीनों ओर जरोकबल, कोंडाबल और उत्तर-पूर्वी छोर पर गांदरबल गांव है।
जुलाई और अगस्त में हो जाती है खूबसूरत
प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जुलाई और अगस्त के महीने में यहां पर कमल खिलते हैं, जो कि इस झील की सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं। कमल के फूलों के साथ इस झील का साफ पानी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता है।
बार्ड वॉचर के लिए है खूबसूरत जगह
यह झील बर्डवॉचर्स के लिए खूबसूरत जगहों में से एक है। इस झील के आसपास जम्मू-कश्मीर के विभिन्न पक्षी पहुंचते हैं, जिन्हें देखने के लिए देश के अलग-अलग इलाकों से बर्डवॉचर पहुंचते हैं। यही वजह है कि इस झील की अपनी एक जैव विविधता है।
नौसेना के प्रशिक्षण में होती है इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस झील का प्रयोग भारतीय नौसेना द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर(NCC) के युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है। दरअसल, 1965 में इस तरह की गतिविधियां शुरू हो गई थी, लेकिन बाद में हालात बिगड़ने पर इन गतिविधियों को बंद करना पड़ा। हालांकि, बाद में इन्हें फिर से शुरू किया गया है। इसके तहत युवाओं को नौकायान, जहाज मॉडलिंग और सिग्निलिंग समेत अन्य गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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