Gmail में CC-BCC का क्या है मतलब, कब कौन-सा ऑप्शन चुना जाता है

आप भी गूगल की ईमेल सर्विस जीमेल का इस्तेमाल करते होंगे। क्या आपने मेल सेंड करने से पहले To के साथ CC और BCC ऑप्शन को नोटिस किया है। आप में से बहुत से लोग टू के साथ सीसी ऑप्शन का इस्तेमाल करते भी होंगे। लेकिन बहुत से लोगों को जीमेल में मेल सेंड करने को लेकर मिलने वाले इन दो ऑप्शन की जानकारी नहीं होती।




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 गूगल के ईमेल प्लेटफॉर्म जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो ये जानकारी आपके लिए बेहद काम की साबित होने वाली है। क्या आपने मेल सेंड करने से पहले To के साथ CC और BCC ऑप्शन को नोटिस किया है। आप में से बहुत से लोग टू के साथ सीसी ऑप्शन का इस्तेमाल करते भी होंगे। लेकिन बहुत से लोगों को जीमेल में मेल सेंड करने को लेकर मिलने वाले इन दो ऑप्शन की जानकारी नहीं होती। इस आर्टिकल में इन दोनों ही ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं कि कब कौन-सा ऑप्शन इस्तेमाल किया जाता है और इनका क्या मतलब है।

Gmail में CC-BCC का क्या है मतलब

CC यानी कार्बन कॉपी

सीसी यानी कार्बन कॉपी- मेल ड्राफ्ट करते हुए जब एक जैसा मेल किसी एक या दो मेन पर्सन को भेजने के अलावा, दूसरे लोगों को भी इस मैसेज की जानकारी देनी होती है तो सीसी में मेल एड्रेस ऐड किए जाते हैं।

यहां बताना जरूरी है कि सीसी में ईमेल एड्रेस ऐड किए जाते हैं तो सीसी और टू वाले ईमेल को भी एक-दूसरे के बारे में जानकारी होती है कि किस-किस को मेल किया गया है।

बीसीसी यानी ब्लाइंड कार्बन कॉपी

बीसीसी यानी ब्लाइंड कार्बन कॉपी- मेल ड्रॉफ्ट करते हुए जब एक जैसी जानकारी या मेल दूसरे लोगों को भी भेजने की जरूरत होती है तो बीसीसी में इन मेल को ऐड कर सकते हैं। बीसीसी में ऐड किए गए ईमेल एड्रेस वालों को यह जानकारी होती है कि मेल के लिए To और CC में किसे रखा गया है। लेकिन, टू और सीसी वालों को यह जानकारी नहीं होती कि किसी और को भी यह मेल BCC ऑप्शन के साथ भेजा गया है।

CC और BCC की क्यों जरूरत

सवाल यह कि जब टू का ऑप्शन मौजूद होता है तो सीसी और बीसीसी की जरूरत क्यों पड़ती है। दरअसल, सीसी और बीसीसी की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि एक जैसा मेल या मैसेज अलग-अलग लोगों को अलग-अलग भेजना ज्यादा समय और मेहनत लगने वाला काम हो सकता है। वहीं, एक जैसा मेल एक ही बार में बहुत से लोगों को भेजने में सीसी और बीसीसी ऑप्शन काम आते हैं। आप अपनी सुविधा के मुताबिक, दोनों ऑप्शन का स्थिति के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं।

कई बार किसी मेन रेसिपिएंट को मैसेज देने के अलावा, दूसरे लोगों को इस बारे में केवल जानकारी होती है कि मेल कर दिया गया है, तब भी सीसी या बीसीसी का ऑप्शन काम आता है। बीसीसी ऑप्शन गोपनीयता बनाए रखने की स्थिति में काम आता है।

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