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केंद्र सरकार ने गुरुवार को कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को पंजीकरण के समय, परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की अनुमति दी है। केंद्र ने एक पखवाड़े पहले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भी इसी प्रकार के सत्यापन करने की अनुमति दी थी।
कार्मिक मंत्रालय ने प्रमाणीकरण करने की दी अनुमति
कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि एसएससी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा, भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है। एसएससी को आधार अधिनियम, 2016 के सभी प्रविधानों और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होगा।
एसएससी विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में अराजपत्रित पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन करता है। कार्मिक मंत्रालय ने 28 अगस्त को यूपीएससी को उम्मीदवारों के सत्यापन के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण को मंजूरी दी थी।
धोखा-धड़ी को रोकने के लिए अपनाया गया नियम
आधार यूआइडीएआइ द्वारा सभी पात्र नागरिकों को बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डाटा के आधार पर जारी किया गया 12 अंकों का नंबर है। सरकार की इन अधिसूचनाओं को सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है कि अभ्यर्थी अपनी गलत पहचान न बताएं या एसएससी और यूपीएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में बैठने के लिए धोखाधड़ी न करें।
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