पीएम इंटर्नशिप योजना के शुरू होते ही युवाओं की ओर से इसे जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। इस स्कीम के लिए 23 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पूरी की गई थी जिसमें लाखों अभ्यर्थियों ने पंजीकरण किया। इस स्कीम को शुरू करने के पीछे युवाओं को काम की बारीकियां सिखाये जाने का मुख्य उद्देश्य है। इस प्रक्रिया से हमेशा ही बेहतर वर्कफोर्स तैयार रहेगा। लेकिन कई फायदों के साथ इसमें कुछ खामियां भी देखने को मिली हैं जिनको लेकर अब संसदीय समिति ने इसमें बदलावों को लेकर सिफारिश की है।
जानें किन बदलावों पर दिया जा रहा जोर
संसदीय समिति ने एक सिफारिश में बताया कि अभी तक जिन परिवारों की पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपये है वे इसमें भाग लेने के लिए पात्र नहीं थे, इसी प्रकार कोई ऐसे परिवार जिसमें कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी कर रहा है वे भी इस योजना से बाहर रखे गए हैं। इसी को लेकर समिति ने कहा कि ऐसे बहुत से सरकारी कर्मचारी हैं जिनकी सालाना आय 8 लाख से ऐसे में उन सभी परिवारों को इस योजना से बाहर करना सही नहीं है।
इन सिफारिशों को भी किया गया शामिल
संसदीय समिति की ओर से स्कीम के समय-समय पर स्वतंत्र मूल्यांकन की व्यवस्था करना, कंपनियां अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम को ऐसे डिजाइन करें कि इंटर्नशिप के बाद इंडस्ट्री रेडी वर्कफोर्स तैयार हो, इंटर्नशिप के एंप्लॉयमेंट में तब्दील होने को ही इसकी सफलता का पैमाना मानें, स्कीम की पैनी निगरानी और उसके क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाई जाने जैसे महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं।![](https://www.jagranimages.com/images/newimg/11122024/PM%20Internship%20Yojna.jpg)
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के बारे में
भारत सरकार की ओर से पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत 1 करोड़ युवाओं को लाभ प्रदान किया जायेगा। इस योजना के तहत चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को देश की टॉप 500 कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। योजना का लाभ ऐसे युवा जिनकी आयु 21 से 24 वर्ष के बीच होगी को दिया जायेगा। ध्यान रखें कि इस योजना के तहत मिली इंटर्नशिप को नौकरी में बदलने की गारंटी नहीं है। यह छात्र की काबिलियत पर निर्भर करेगा कि कंपनी उन्हें नौकरी पर रखना चाहती है या नहीं।
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