येल एसीओ समिट के एक सर्वे के अनुसार, 42 प्रतिशत CEOs को लगता है कि AI अगले पांच से 10 साल में मानवता के लिए खतरा बन सकता है. इस संदर्भ में, कई CEOs आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मानवीय अस्तित्व के लिए चुनौती प्रदान करने वाली तकनीक समझते हैं.
AI के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल और उसके प्रभाव को लेकर लोगों द्वारा लगातार चिंता व्यक्त की जा रही है. इस संदर्भ में, टॉप एग्जक्यूटिव्स के बीच AI को लेकर सकारात्मक मान्यता की कमी है. येल एसीओ समिट के एक सर्वे के अनुसार, 42 प्रतिशत CEOs को लगता है कि AI अगले पांच से 10 साल में मानवता के लिए खतरा बन सकता है. इस संदर्भ में, कई CEOs आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मानवीय अस्तित्व के लिए चुनौती प्रदान करने वाली तकनीक समझते हैं.
एक सर्वे के माध्यम से, जिसमें कुल 119 इंडस्ट्रीज के CEOs शामिल हुए थे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके प्रभाव से जुड़े सवाल पूछे गए थे. इस सर्वे में, CEOs से पूछा गया कि उनके अनुसार AI से संबंधित संभावनाएं और खतरे क्या हैं. सर्वे के परिणाम चौंकाने वाले हैं, क्योंकि यह पहले से ही प्रमुख नामों द्वारा चिंता व्यक्त की जाने वाली थी. AI के चलते, लोगों की नौकरियां खतरे में हैं और यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की संभावना है.
5 सालों में खत्म होगी इंसानियत
सर्वे के अनुसार, लगभग 34 प्रतिशत CEOs मानते हैं कि आगामी दशक में AI खतरनाक साबित हो सकता है, जबकि 8 प्रतिशत CEOs को लगता है कि ऐसा पांच साल के भीतर हो सकता है. सर्वे में शामिल हुए 58 प्रतिशत CEOs ने बताया है कि उन्हें AI के साथ होने वाले बदलावों के बारे में चिंता नहीं है और उन्हें विश्वास है कि AI के खतरनाक होने की स्थिति कभी नहीं आएगी.
एक नई सर्वे की रिपोर्ट आई है, जहाँ AI इंडस्ट्री के नेताओं, शिक्षाविदों और सार्वजनिक व्यक्तित्वों द्वारा निरंतर एआई के नकारात्मक प्रभावों की चर्चा हो रही है. कुछ लोगों का मानना है कि AI के विकास के साथ 'नष्ट हो जाने' का खतरा भी हो सकता है. OpenAI के CEO सैम आल्टमैन और जेफरी हिंटन जैसे व्यक्तियों ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि AI से जुड़े खतरों से बचने के लिए सुरक्षा कदम उठाए जाने चाहिए.
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