Indian Railways: मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, प्रस्ताव को इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई है कि रेलवे 780 नए पौधे लगाएगा. सीएमओ ने कहा कि साइट से 70 पेड़ों का प्रत्यारोपण करने और आठ पेड़ों को काटने के वास्ते मंजूरी लेने के लिए रेलवे ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को पत्र लिखा था.
Arvind Kejriwal on Vande Bharat: भारतीय रेलवे की एक बड़ी टेंशन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दूर कर दी है. उन्होंने वंदे भारत ट्रेन के लिए नया रखरखाव शेड बनाने के लिए 78 पेड़ों को हटाने और उनके ट्रांसप्लांट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. दरअसल रेलवे शकूर बस्ती में एक ट्रेन शेड बनाना चाहता है लेकिन कंस्ट्रक्शन साइट पर पेड़ों की वजह से काम में रुकावट आ रही थी.
सीएम ने दी मंजूरी
इसके बाद रेलवे ने कंस्ट्रक्शन के लिए 78 पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट करने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को भेजा. इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार ने शर्त के साथ मंजूर कर लिया. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, प्रस्ताव को इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई है कि रेलवे 780 नए पौधे लगाएगा.
सीएमओ ने कहा कि साइट से 70 पेड़ों का प्रत्यारोपण करने और आठ पेड़ों को काटने के वास्ते मंजूरी लेने के लिए रेलवे ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को पत्र लिखा था.
बता दें कि पिछले महीने के आखिर में पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा किया था. यहां उन्होंने पांच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी. मोदी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, जहां से उन्होंने दो वंदे भारत ट्रेनों को सीधे और तीन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
यह पहली बार है कि एक दिन में इतनी अधिक वंदे भारत ट्रेनें शुरू की गईं. इनमें से दो मध्य प्रदेश के लिए हैं, जहां साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ये ट्रेनें रानी कमलापति (भोपाल)-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति (भोपाल)-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस, मडगांव (गोवा)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस, धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस, और हटिया (रांची)-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस हैं. ये सभी सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें हैं.
क्या होगा फायदा
रानी कमलापति (भोपाल)-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के दो अहम शहरों के बीच सरल और सुखद यात्रा कराएगी और क्षेत्र में सांस्कृतिक, पर्यटन एवं धार्मिक स्थानों की कनेक्टिविटी में सुधार लाएगी. वंदे भारत ट्रेन से भोपाल से इंदौर की 269 किलोमीटर की दूरी अब साढ़े तीन घंटे में तय हो जाएगी.
वहीं, रानी कमलापति (भोपाल)-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस महाकौशल क्षेत्र (जबलपुर) को मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र (भोपाल) से जोड़ेगी.इस ट्रेन के चलने से भोपाल से जबलपुर की 340 किलोमीटर की दूरी अब साढ़े चार घंटे में ही तय हो जाएगी.
हटिया (रांची)-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस झारखंड और बिहार के लिए पहली वंदे भारत रेलगाड़ी होगी. पटना और रांची के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली यह रेलगाड़ी पर्यटकों, छात्रों और व्यवसायियों के लिए वरदान साबित होगी.
धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस कर्नाटक-धारवाड़ और हुबली में महत्वपूर्ण शहरों को राज्य की राजधानी बेंगलुरु से जोड़ेगी. इससे क्षेत्र के पर्यटकों, छात्रों, उद्योगपतियों आदि को काफी फायदा होगा. वहीं, मडगांव (गोवा)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस गोवा की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी. यह मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और गोवा के मडगांव स्टेशन के बीच चलेगी. इससे गोवा और महाराष्ट्र दोनों के ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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