राज्य में फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने जिलों से आई अनुशंसा रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू कर दी है। फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में 814 शिक्षकों को नामजद किया गया है।
इनमें पटना में दो, भोजपुर में 21, कैमूर एक, रोहतास में तीन, नालंदा में 21, सारण में 40, गोपालगंज में 51, मुजफ्फरपुर में 38, पूर्वी चंपारण में 34 शिक्षक शामिल हैं। हालांकि, जांच के आधार पर निगरानी विभाग की अनुशंसा पर पहले ही 1317 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, जांच के आधार पर निगरानी विभाग की ओर से 2,640 और शिक्षकों को नामजद करने की तैयारी है। फिलहाल ऐसे शिक्षकों के मामले में विधि परामर्शी से सलाह ली गई है।
जिलों की रिपोर्ट की समीक्षा
वहीं दूसरी ओर, वैशाली में 16, शिवहर में 10, सीतामढ़ी में 35, पश्चिम चंपारण में 13, दरभंगा में 17, मधुबनी में 69, समस्तीपुर में 55, मधेपुरा में 4, सुपौल में 5, पूर्णिया में 16, अररिया में 2, किशनगंज में 3 शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए जिलों की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है।
इसी तरह भागलपुर में 116, बांका में 13, मुंगेर में 44, खगड़िया में 42, जमुई में 84, लखीसराय में 14, शेखपुरा में 16, औरंगाबाद में 28, अरवल में 6, जहानाबाद में 11 एवं नवादा में 1 नियोजित शिक्षक के प्रमाण पत्र पर फर्जी पकड़े गए हैं। इन शिक्षकों पर भी देर-सबेर कार्रवाई होनी तय है।
0 Comments