प्रमुख आंकड़े
विकास चालक: जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि कारकों के संयोजन से प्रेरित थी, जिसमें घरेलू लेनदेन में वृद्धि और चोरी विरोधी उपायों द्वारा अनुपालन में वृद्धि शामिल थी।
सरकारी समझौते: केंद्र सरकार ने आईजीएसटी संग्रह से सीजीएसटी को 50,307 करोड़ रुपए और एसजीएसटी को 41,600 करोड़ रुपए का निपटान किया, जिसके परिणामस्वरूप सीजीएसटी के लिए 94,153 करोड़ रुपए और एसजीएसटी के लिए 95,138 करोड़ रुपए का कुल राजस्व प्राप्त हुआ।
राज्यवार प्रदर्शन: केंद्र शासित प्रदेशों में से 19 ने राष्ट्रीय औसत की तुलना में जीएसटी संग्रह में उच्च वृद्धि दर दर्ज की। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा जैसे राज्यों ने संग्रह के आंकड़ों में महत्वपूर्ण वृद्धि दिखाई।
विशेषज्ञ विश्लेषण और भविष्यवाणियां
कर विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि: विशेषज्ञ संग्रह में वृद्धि का श्रेय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि और केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों द्वारा किए गए कठोर ऑडिट दोनों को देते हैं।
अनुपालन में सुधार: GST संग्रह में वृद्धि व्यवसायों द्वारा अनुपालन में सुधार को दर्शाती है, जो केंद्रित ऑडिट और चोरी से निपटने के उपायों से प्रेरित है।
भविष्य के अनुमान: विश्लेषकों का अनुमान है कि त्योहारी सीजन और मानसून के बाद की कृषि गतिविधियों के दौरान जीएसटी संग्रह में तेजी की उम्मीद के साथ जीएसटी संग्रह 1.7-2 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रहेगा।
इस मील के पत्थर का जश्न मनाते समय, इस विकास प्रक्षेपवक्र की स्थिरता के बारे में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। खपत पैटर्न में बदलाव, नियामकीय बदलाव और वैश्विक आर्थिक गतिशीलता जैसे कारक जीएसटी संग्रह के भविष्य के प्रक्षेपवक्र को प्रभावित करेंगे। जैसा कि भारत जीएसटी के साथ अपनी यात्रा जारी रखता है, राजस्व धाराओं को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी और अनुकूली रणनीतियां आवश्यक होंगी।
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