भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयतों की कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने इसे जुलाई 2026 तक पूरा करने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है। उस समय तक ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों का भी सर्वेक्षण हो जाएगा। शहरी क्षेत्रों का सर्वे भारत सरकार करा रही है। पहले चरण में दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में होगा।
इसकी शुरुआत सोनपुर, तारापुर, बक्सर, बांका, राजगीर और डेहरी से होगी। यह जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को दी। वे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।उन्होंने कहा कि अनुमंडलों में डीसीएलआर के 40-50 पदों पर बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि रैयतों को कोई परेशानी न हो। इसीलिए विशेष भूमि सर्वेक्षण में स्वघोषणा पत्र जमा करने की मियाद 30 से बढ़ाकर 180 दिन की गई है।
जारी किया गया है एक बुकलेट
उन्होंने कहा कि किश्तवार के लिए एक के बदले तीन महीने का समय निर्धारित किया गया है।दावा आपत्ति के निष्पादन की समय सीमा भी एक से बढ़ाकर दो महीने कर दी गई है। कैथी लिपि के खतियानों को पढ़ने के लिए विभाग की ओर से एक बुकलेट जारी किया गया है। इससे रैयतों को काफी सुविधा हो रही है।उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद भूमि विवाद समाप्त हो जाएगा। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार का भी सृजन हो रहा है। 14 हजार से अधिक लोग भूमि सर्वेक्षण में नियोजित हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भूदान की जमीन की नए सिरे से जांच होगी।क्योंकि पहले की जांच रिपोर्ट में भूदान की जमीन का पूरा विवरण नहीं दिया गया है।उन्होंने कहा कि विभाग की प्राय: सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जमाबंदी में सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल बनाया गया है। राज्य में भूमि सर्वेक्षण जुलाई 2026 तक पूरा हो जाएगा। राजस्व नक्शे की डोर स्टेप डिलीवरी हो रही है। दाखिल खाजिर याचिकाओं का निबटारा समय-सीमा में किया जा रहा है।
आवास के लिए जमीन
- अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार 90 हजार भूमिहीन परिवारों को आवास के लिए पांच डिसमिल जमीन देने जा रही है। यह अभियान बसेरा -2 का हिस्सा है। अभियान-2 में इस अभियान के पहले चरण के छूटे हुए परिवारों के अलावा नए गृहविहीन परिवारों को सर्वेक्षण किया गया। ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख 20 हजार 722 है।
- इनमें 30 हजार 722 परिवारों को जमीन दे दी गई है। बचे हुए 90 हजार परिवारों को जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि इन्हें समूह में बसाने की योजना है। सड़क, बिजली, पानी एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का इंतजाम सरकार की ओर से किया जाएगा।
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